Sarangpur Hanuman Temple : भारतवर्ष में भिन्न-भिन्न देवी-देवताओं के विभिन्न मंदिर मौजूद हैं जो विश्व प्रसिद्ध हैं तथा इन मंदिरों से सनातन धर्म के लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं। इन मंदिरों में भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं तथा भगवान से अपने जीवन में सुख-संपदा की मनोकामना करते हैं। विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में एक मंदिर भगवान श्री हनुमान जी का है, जिसे ‘सारंगपुर हनुमान मंदिर’ के नाम से जानते हैं।
श्री हनुमान जी को अत्यंत चमत्कारी कहा गया है। श्री हनुमान जी भगवान श्री राम के अनन्य भक्त हैं। श्री हनुमान जी को चिरंजीवी कहा जाता है। माना जाता है कि भगवान श्री हनुमान जी वर्तमान में भी पृथ्वी पर मौजूद हैं। आज हम इस चमत्कारी सारंगपुर वाले हनुमान जी मंदिर के बारे में जानेंगे।
Sarangpur Hanuman Temple : सारंगपुर हनुमान मंदिर
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सारंगपुर हनुमान मंदिर भगवान श्री हनुमान को समर्पित एक विश्व प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। भगवान श्री हनुमान जी अपनी शारीरिक क्षमता, युद्ध कौशल तथा भक्तों पर अपनी कृपा बरसाने के लिए जाने जाते हैं और उन्हें भगवान श्री राम का सबसे अनन्य भक्त कहा जाता है। भगवान श्री हनुमान जी ने रामायण महाकाव्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें उन्होंने भगवान श्री राम का साथ देकर लंका पर विजय प्राप्त करने में मदद की तथा अत्यंत दुष्ट राक्षस रावण को समाप्त करने में भी मदद की।
भगवान श्री हनुमान जी का यह विश्व प्रसिद्ध सारंगपुर मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के अंतर्गत आता है, जिसमें मुख्य देवता के रूप में स्वामीनारायण भगवान कृष्ण की छवियां नहीं है जबकि यह श्री हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर है, जिन्हें कष्टभंजन भी कहा जाता है और श्री हनुमान जी की ही मुख्य देवता के रूप में पूजा की जाती है। भगवान श्री हनुमान जी के दर्शन करने से सभी भक्त दुखों तथा पीड़ाओं से मुक्त हो जाते हैं और माना जाता है कि यहां पर श्री हनुमान जी के दर्शन मात्र करने से बुरी आत्माओं से ग्रसित व्यक्ति ठीक हो जाते हैं। मंदिर प्रसिद्ध होने के कारण भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
कहां स्थित है सारंगपुर हनुमान मंदिर
सारंगपुर हनुमान मंदिर भारतवर्ष के गुजरात राज्य के बोटाद जिले के बरवाला तालुका के सारंगपुर नामक गांव में स्थित है। यह मंदिर यहां का अत्यंत लोकप्रिय मंदिर है। इस मंदिर को कष्टभंजन के रूप में भी जाना जाता है।
Sarangpur Hanuman Temple History : सारंगपुर हनुमान मंदिर का इतिहास
भगवान श्री हनुमान जी का यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय में मूल रूप से सर्वाधिक प्रमुख है। इस मंदिर को लेकर कई प्रसिद्ध किंवदंतियां विश्व विख्यात हैं। एक किंवदंती के अनुसार जब सद्गुरु गोपालानंद स्वामी जी ने हनुमान जी की मूर्ति को स्थापित किया था तो उन्होंने हनुमान जी की मूर्ति को एक छड़ी से छुआ था, जिससे मूर्ति जीवित हो गई और चलने लगी थी। यहां मौजूद हनुमान जी की मूर्ति अत्यधिक मजबूत आकृति से निर्मित है, जिसमें दिखाया गया है कि भगवान श्री हनुमान जी अपने पैरों से राक्षसी को कुचल रहे हैं।
वड़ताल की कोठारी गोवर्धनदास ने मंदिर परिषद के बगल में ही बंगले का निर्माण किया गया है, जिसकी वर्तमान स्थिति के लिए अधिक से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया था। सन् 1960 ई में अक्षर पुरुषोत्तमस्वामी नारायण संस्था बनाई गई जिसमें गोवर्धनदास ने सारंगपुर के मंदिर का एक नया महंत नियुक्त किया गया। तभी से वड़ताल गाढ़ी ने मंदिर में अतिरिक्त सुधार और भावनों का निर्माण करवाया था।
सारंगपुर हनुमान मंदिर की विशेषता
सारंगपुर हनुमान मंदिर परिसर पवित्र ऊर्जा से घिरा हुआ रहता है। यह स्थान आध्यात्मिकता का केंद्र है। यहां भक्त परिसर में आध्यात्मिकता का आनंद ले सकते हैं। इस मंदिर में शनिवार के दिवस पर विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं जो मानसिक बीमारियों तथा अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं से प्रभावित लोगों के लिए होते है। इस मंदिर में एक ऊर्जावान चांदी की छड़ मौजूद है। माना जाता है यह वही छड़ जिससे भगवान की मूर्ति को छूने पर भगवान की मूर्ति चलने लगी थी। भक्तगण इस ऊर्जावान चांदी की छड़ का ही स्पर्श करने के लिए भी आते हैं, जो अपनी उपचार आत्मक शक्तियों के लिए जानी जाती है।
कष्ट तथा बुरी आत्माओं से पीड़ित भक्त इस मंदिर में आते हैं तथा महामंत्र का जाप करते हैं और इस अनुष्ठान के साक्षी बनते हैं। यहां आने वाले सभी आगंतुकों को मुफ्त भोजन परोसा जाता है। मान्यता है कि यहां एक कुआं भी मौजूद है जो 350 वर्ष पुराना है जिसका जल पवित्र माना जाता है। यहां से कई भक्त जल को ले जाते हैं तथा धार्मिक अनुष्ठानों में इसका प्रयोग करते हैं।
सारंगपुर हनुमान मंदिर कैसे पहुंचे
सारंगपुर हनुमान मंदिर भारतवर्ष के गुजरात राज्य में स्थित है। यह एक विश्व प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है। यहां पर कई परिवहन के माध्यम से आया जा सकता है। मंदिर के आसपास रुकने के लिए कई धर्मशालाएं भी मौजूद हैं।
मंदिर तक पहुंचने के लिए निम्न साधन मौजूद हैं –
सड़क मार्ग द्वारा
सारंगपुर हनुमान मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको गुजरात के ढंढूका तालुका नामक स्थान पर पहुंचना होगा। यहां से सारंगपुर हनुमान मंदिर लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर है और ढंढूका तालुका से नियमित रूप से बसें मंदिर के लिए चलती रहती हैं।
रेलवे के द्वारा
सारंगपुर हनुमान मंदिर के सबसे निकट रेलवे स्टेशन बोटाद जंक्शन है जो मंदिर से लगभग 73 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर तक जाने के लिए आप रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस की सुविधा ले सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा
सारंगपुर हनुमान मंदिर के सबसे निकट हवाई अड्डा अहमदाबाद हवाई अड्डा है जो मंदिर से 159 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से सारंगपुर हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए आप बस या टैक्सी की सुविधा ले सकते हैं।