Navratri 2024: नवरात्रि के पांचवें दिवस माता स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है। स्कंदमाता की पूजा करने से भक्त तथा साधक को मृत्यु लोक में ही परम शांति और सुख की प्राप्ति होती है एवं उसकी समस्त इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। भक्त विशुद्ध चैतन्य स्वरूप की ओर बढ़ता है और उसकी कोई लौकिक कामना शेष नहीं रहती। स्कंदमाता को भगवान स्कंद कुमार की माता होने के कारण स्कंदमाता नाम मिला। भगवान स्कंद कुमार कोई और नहीं वरन कार्तिकेय जी ही हैं।
स्कंद माता की आरती:
जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता।
सबके मन की जानन हारी, जग जननी सब की महतारी।।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं, हरदम तुझे ध्याता रहूं मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा, मुझे एक है तेरा सहारा।।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा, कई शहरों में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे, गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो, शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आरती देवता मिल सारे, करें पुकार तुम्हारे द्वारे।।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए, तू ही खंडा हाथ उठाए।
दासों को सदा बचाने आई, भक्त की आस पूजाने आई।।