Kali Mata ki Aarti: Kali Mata मां दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं। यह रूप अत्यंत शक्तिशाली और भयमुक्ति का प्रतीक माना जाता है। Kali Maa को देवी शक्तियों में सबसे अधिक शक्तिशाली माना जाता है, जो बुराई का नाश करती हैं। Kali Mata ki Aarti करने से भय का नाश होता है और आरोग्य तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह भी मान्यता है कि Kali Maa Aarti करने से तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियों का असर समाप्त हो जाता है।
Kali Mata Aarti का महत्व
Kali Mata Aarti करने से भक्तों को आंतरिक शक्ति और साहस मिलता है। Kali Maa Aarti का गायन करने से मन में शांति आती है और देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। Kali Mata ki Aarti का नियमित पाठ करने से डर, बाधाओं और हर प्रकार की नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है। Kalika Mata ki Aarti को भाव से गाने पर भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है और उनका जीवन सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
Kali Maa ki Aarti और इसके लाभ
प्रतिदिन Kali Maa ki Aarti का पाठ करने से स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि Kali Mata Ji ki Aarti करने से देवी की कृपा से जीवन में आने वाली सभी परेशानियों का अंत होता है। Kalika Mata ki Aarti का महत्व इस बात में है कि यह भक्तों के जीवन में शांति, सुरक्षा और मानसिक बल का संचार करती है।
Kali Mata Aarti न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक ऐसी प्रार्थना है जो देवी के प्रति आभार व्यक्त करती है और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करने की भावना व्यक्त करती है।
Kali Mata ki Aarti
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गाए भारती, ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती।
तेरे भक्त जनों पर मैया भीर पड़ी है भारी, मैया भीर पड़ी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सांवरी।
सौ सौ सिंघों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती।
माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता, मैया बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत कपूत सुने बहुतेरे पर मा ना सुनी कुमाता।
सब पे करुणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती |
नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी न सोना, मैया ना चांदी न सोना,
हम तो मांगे मां तेरे मन में एक छोटा सा कोना।
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |
तेरे ही गुण गाए भारती, ओ मैया, हम सब उतारें तेरी आरती |