शेयर बाजार में हाहाकार, Indian Share Market Crash, क्या रहा इस बड़ी गिरावट का कारण…

Indian Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में आज तहलका मच गया। बाजार में आज भारी बिकवाली देखी गई है। Nifty 50 के important support लेवल्स भी आज टूट कर बिखर गए हैं। भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख indice Nifty 50 में करीब 2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है जबकि सेंसेक्स में भी 2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

Share Market Crash

भारतीय शेयर बाजार में नवंबर महीने की शुरुआत बड़ी ही दर्दनाक रही। आज दिनांक 4 नवंबर, 2024 दिन सोमवार को शेयर बाजार में बड़े स्तर की बिकवाली देखी गई जिसमें भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख indice Nifty 50 तथा sensex में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। वहीं दूसरी ओर small cap तथा Mid cap में भी 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

शेयर बाजार के प्रमुख indice Nifty 50 अपने पिछले सेशन में 24,304 अंक पर बंद हुआ था जबकि आज 4 नवंबर को 24,315 अंक पर खुला और उसके पश्चात अपने प्रमुख सपोर्ट 24,000 से टूटकर 23,816 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं sensex अपने पिछले क्लोजिंग लेवल 79,724 पर बंद हुआ था जबकि आज 4 नवंबर को 79,713 पर खुला था और उसके पश्चात 2 फ़ीसदी की गिरावट के साथ 78,232 के लेवल पर बंद हुआ।बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में लगभग 9 लाख करोड रुपए की गिरावट देखी गई।

शेयर बाजार के अन्य सेक्टर का हाल देखा जाए तो oil & gas, consumer, reality sector में 2% से 3% की गिरावट देखी गई जबकि FMCG, automobile, bank, metal और psu bank में भी लगभग 1 % की गिरावट देखी गई।

शेयर मार्केट क्रैश के क्या कारण हो सकते हैं?

शेयर मार्केट क्रैश के कई कारण हो सकते हैं लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इन कारों को प्रमुख माना जा रहा

अमेरिकी चुनाव की गतिविधि और हलचल

भारतीय शेयर बाजार अमेरिकी चुनाव को लेकर अनियमितता दिख रहा है क्योंकि अमेरिकी चुनाव के नतीजे अभी तक नहीं आए हैं और वहां के सर्वेक्षणों के अनुसार माना जा रहा है की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। इस कारण से वहां के चुनाव के नतीजे में अनिश्चितता देखी जा रही है जिस कारण से शेयर मार्केट में गिरावट देखी गई है।

फाइनेंस से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी Geojit Financial Services के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा, “अगले कुछ दिनों में वैश्विक स्तर पर बाजारों का ध्यान अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर रहेगा और चुनाव परिणामों के जवाब में निकट अवधि में अस्थिरता रह सकती है। हालांकि, यह कुछ समय तक ही रहने की संभावना है और अमेरिकी विकास, मुद्रास्फीति और फेड पॉलिसी जैसे आर्थिक बुनियादी कारक मार्केट ट्रेंड को प्रभावित करेंगे।

भारतीय शेयर बाजार की वैल्यूएशन

भारतीय शेयर बाजार में आई अब तक की गिरावट के बाद भी बाजार की वैल्यूएशन को अधिक माना जा रहा है। मार्केट से जुड़े विशेषज्ञ इस वैल्यूएशन को भी महंगा मान रहे हैं जिस कारण से मार्केट में गिरावट का माहौल जारी है। एक इक्विटी रिसर्च प्लेटफार्म के अनुसार Nifty 50 का मौजूदा PE Ratio 22.7 है जो 2 साल के औसतन PE Ratio 22.2 से ऊपर है और 1 साल के औसतन PE Ratio 22.7 के करीब है।

एक प्रमुख सिक्योरिटीज ICICI Securities के रिसर्च हेड पंकज पांडे के अनुसार, “मौजूदा करेक्शन ने ब्रॉड मार्केट के मल्टीपल्स में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। भारत की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और सहजता के कारण इनकी अच्छी स्थिति बरक़रार रहेगी। स्टॉक-स्पेसिफिक बात करें, तो चीजें बहुत बेहतर हो गई हैं क्योंकि स्टॉक-स्पेसिफिक करेक्शन बहुत ज़्यादा हुए हैं।”

फेडरल रिजर्व पॉलिसी

अमेरिका की फेडरल रिजर्व पॉलिसी का अनाउंसमेंट आने वाली 7 नवंबर को होना तय हुआ है। विशेषज्ञों के मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व पॉलिसी में लगभग 25 बेसिस प्वाइंट रेट कट कर सकती है।

एक रिसर्च हेड के अनुसार, “आम तौर पर यह उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी फेड 25 bps की कटौती करेगा, लेकिन यह सब दरकिनार किया जा सकता है, क्योंकि अमेरिकी चुनाव के दोनों उम्मीदवार अच्छी स्पेंडिंग की बात कर रहे हैं, जिससे फिस्कल डेफिसिट ज़्यादा हो सकता है, और नतीजतन बांड यील्ड में उछाल आया है। यह बाजार के लिए अच्छी खबर नहीं है।”

कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे

भारतीय शेयर बाजार में इस महीने लगातार कंपनियों की सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए जा रहे हैं। कई कंपनियों के सितंबर तिमाही के नतीजे उम्मीद से कमजोर निकले हैं जिसकी वजह से मार्केट में चिंताएं बरकरार हैं। इस कारण भी निवेशक बाजार से पैसा निकाल रहे है।

FII द्वारा की जा रही बिकवाली

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली की जा रही है, जिससे शेयर बाजार में काफी दबाव बना हुआ है। इस कारण से मार्केट लगातार गिरता जा रहा है । अक्टूबर माह में विदेशी निवेशकों द्वारा लगभग 10 अरब डॉलर की बिकवाली की गई की है, जो FII द्वारा अब तक एक महीने में की जाने वाली सबसे बड़ी बिकवाली है।

Swastika Investmart के रिसर्च हेड संतोष मीणा के अनुसार, “एक सप्ताह के कंसॉलिडेशन के बाद Nifty और Sensex में गिरावट का ट्रेंड फिर से शुरू हो गया है, जिसका मुख्य कारण FIIs द्वारा भारी बिकवाली है। चीन से एक और प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद के कारण भारत से चीन की ओर फंड का ऑउटफ्लो हो रहा है, जबकि FIIs आगामी अमेरिकी चुनावों से पहले मुनाफावसूली भी कर रहे हैं। इसके अलावा, इन प्रमुख वैश्विक घटनाओं के बीच DIIs अलग-थलग दिखाई दे रहे हैं।”

Nifty 50 के लिए टेक्नीकल नजरिया

भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख indice Nifty 50 में टेक्निकल नजरिए से कई सपोर्ट्स पर रुकने की कोशिश की है लेकिन इस नेगेटिव मूवमेंट को रोक नहीं पाए हैं और आज 4 नवंबर को निफ्टी 50 का एक प्रमुख सपोर्ट 24000 का लेवल भी टूट चुका है।

Geojit Financial Services के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, “पिछले सप्ताह 24,150 का लेवल लगातार मजबूत बना रहा, जिससे आगे गिरावट नहीं आई, लेकिन ऊपर की ओर मोमेंटम साफ़ तौर से कमजोर था। ऐसा 24,470-24,540 की रेंज में रेजिस्टेंस के कारण हुआ, साथ ही 24,660-24,770 पर अतिरिक्त रेजिस्टेंस भी था।

जेम्स ने कहा, “Nifty 50 लेवल 24,470 से ऊपर जानें में असमर्थता या 24,150 से नीचे सीधे गिरावट 23,900-23,300 की रेंज पर स्थिति साफ़ करेगी। किसी भी तरह से, Nifty 50 इस सप्ताह 24,150-24,470 के जोन से बाहर निकलने के लिए तैयार है।”

(Disclaimer: हमारी वेबसाइट केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए शेयर बाजार से संबंधित जानकारियां प्रदान करती है। कृपया इस जानकारी को निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। पाठकों को सलाह दी जाती है कि निवेश करने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। हम किसी निवेश की सलाह नहीं देते हैं पाठक अपने वित्तीय जोखिम के स्वयं जिम्मेदार होंगे।)


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