Ganpati ji ki Aarti : गणपति जी की आरती

Ganpati ji ki Aarti : भगवान श्री गणपति जी माता पार्वती तथा भगवान शिव के पुत्र हैं। किसी भी शुभ कार्य को करने से पूर्व भगवान श्री गणपति जी की पूजा की जाती है, जिससे सभी काम सफल होते हैं। भगवान श्री गणेश को देवताओं में प्रथम पूज्य माना जाता है अर्थात् सभी देवताओं में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। भगवान श्री गणेश का ध्यान करने से सभी विघ्नों से मुक्ति मिल जाती है तथा कार्य सफल होते हैं।

Also Read : Shree Vishnu Jee Ki Aarti : श्री विष्णु जी की आरती

Ganpati ji ki Aarti

Ganpati ji ki Aarti

गणपति की सेवा मंगल मेवा, सेवा से सब विघ्न टरैं।

तीन लोक के सकल देवता, द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें, अरु आनन्द सों चंवर ढरैं।

धूप-दीप और लिए आरती, भक्त खड़े जयकार करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

गुड़ के मोदक भोग लगत हैं, मूषक वाहन चढ़े फिरैं।

सौम्यरूप देख गणपति के, विघ्न भगे जा दूर परैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

भादो मास और शुक्ल चतुर्थी, दिन दुपहर भरपूर परैं।

लियो जन्म गणपति प्रभु जी ने, पार्वती मन आनन्द भरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

अद्भुत बाजे बजे इन्द्र के, देव बंधु सब गान करैं।

श्री शंकर घर आनन्द उपजो, नर नारी मन मोद भरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

आनि विधाता बैठे आसन, इन्द्र अप्सरा नृत्य करैं।

देख रूप ब्रह्मा जी शिशु को,विघ्न विनाशक नाम धरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

एकदन्त गजवदन विनायक, त्रिनयन रूप अनूप धरैं।

पगखंभा सा उदर पुष्ट है, देव चन्द्रमा हास्य करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

दे श्राप श्री चन्द्रदेव को, कलाहीन तत्काल करैं।

चौदह लोक में फिरें गणपति, तीन लोक में राज्य करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

जो मन मंगल कार्य के पहले, श्री गणेश का ध्यान धरैं।

कारज उनके सकल सफल हों, मनोकामना पूर्ण करें॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥

गणपति की पूजा नित करने से, काम सभी निर्विघ्न सरैं।

पूजा कर जो गाए आरती, ताके सिर यश छत्र फिरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥


आरती सुनें…

Leave a Comment